मचलते पेड़ , सुहानी शाम , गरजते बादल , भीगता मौसम , रिमझिम बारिश , कड़कती बिजली , चाह्चाते पक्षी , महकती चमेली ! कारे बादल , भीगते पत्ते , गरम पकोड़े , खेलते बच्चे , शाम का वक़्त , हरियाली चारों ओर , ख़ूबसूरती को बांधती कोई अद्रश्य डोर ! तपती गर्मी में मिला सूखी धरती को आराम , बार बार याद आये बरसात कि वो शाम ! पत्तों पे गिरती बूंदों की छम - छम आवाज़ , गीली टहनियों पे पत्तों का वो नाच , कोयल का छेड़ा हुआ मीठा राग , मौसम छुपाता हुआ मानो कोई भीगता राज़ ! पेड़ नाचते ताल पे ठंडी हवा की, बादल गरजते सुनके दहाढ़ बिजली की , सोंधी खुशबू गीली मिट्टी की, हरी घांस पर बूँदें शबनम सी , समां सुहाना , मौसम रंगीन , प्रकति के आये जवानी के दिन ! कलियाँ खिलीं , फूल बनीं , सूखी पत्तियां भीगने लगीं , भारी टहनियां मुस्कुराने लगीं , पेड़ों पे ज़िन्दागियाँ गाने लगीं ! आसमान में कारे बादल खेल...
My life & learnings; my rants & roarings;ventillations & expressions..lil of everything about how I feel